शब्द परिचय-सदीयो से प्रार्थना में ज्यादा
से ज्यादा आमेन शब्द का प्रयोग होता हैं। पुराने नियम और नया नियम में इस का
प्रयोग देख सकते हैं। इस शब्द का मूल अर्थ समझना जरूरी है। भाषा विद्वानो का मानना हैं। कि यह शब्द हिब्रू अमन शब्द का मूल शब्द हैं। सस्कृंत भाषा में ओम शब्द
का भी इससे सम्बध हैं। यूनानी भाषा मे इस शब्द का प्रयोग अमेन और
इगलिष आमेन में इसके दो प्रयोग होते हैं।
आमेन शब्द का अर्थ है सचमुच ऐसा ही हो। एक व्यक्ति की बात को सही मनाने के लिए अन्य
व्यक्ति आमेन प्रस्तुत करता हैं। इस का अर्थ हैं विष्वास और सत्य हैं। इस पृष्टभूमि
में विस्वाश के साथ घोषणा करना हैं। आमेन
बाइबल में आमेन शब्द का पहला प्रयोग गिनती 5
:22में मिलता हैं। व्यभिचारी होने की शंका से एक स्त्री पुरोहित के पास लाई जाये
और उसे पथ भ्रष्ट और अपवित्र नही,सबित के लिए कडवा जल पिलाने के लिए देते हैं और पुरोहित के शाप वचन के उतर
के रूप में स्त्री को आमेन कहना पडता हैं। सत्य को सबित करने के लिए स्त्री सहमति
देती हैं और घोषणा करती हैं इस का अर्थ हैं। पवित्र ग्रथं बाइबल में
अतिंम वचनों आमेन नजर आता हैं। प्रकासित वाक्य 22:20-21
20 यीशु जो इन बातों का साक्षी है, वह कहता है, “हाँ! मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ।”
आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
21 प्रभु यीशु का अनुग्रह सबके साथ रहे! आमीन।
20 यीशु जो इन बातों का साक्षी है, वह कहता है, “हाँ! मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ।”
आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
21 प्रभु यीशु का अनुग्रह सबके साथ रहे! आमीन।
नहेम्याह और एज्रा की भव्यिषवाणी के उतर
में लोगो ने आमेन कहा उन्होने आमेन कह कर यह सहमति दी, कि ठीक हैं एज्रा
10:1-2। नये नियम में आमेन शब्द का अर्थ और गहरा हो जाता हैं । प्रकषितवाक्य 3:14
यह यीशु मसीह आपने को विष्वाश योग्य और
सच्चा गवाह हैं। परमेष्वर की सृश्टि का मूल कारण हैं का विष्लेष्ण दे चुके हैं।
पौलुस रोमियो की पत्री में 5 बार इसका प्रयोग करता हैं।
नया नियम में आमेन शब्द का सबसे मुख्य
प्रयोग स्वंय यीशु मसीह ने किया। मती के
सुसमाचार में 33 बार आमेन शब्द का और मरकुस के सुसमाचार में 16 बार लूका का सुसमाचार
में 8 बार यहून्ना का सुसमाचार में 26 बार आमेन शब्द का प्रयोग यीशु मसीह ने किया। जब वे आमेन शब्द का प्रयोग करते
हैं इसका
अर्थ अलग संदर्भ में हैं। यीशु मसीह जो
कहते हैं वह ईश्वारी अधिकार से कहता हैं। इसे सबित करने के लिए आमेन कहते हैं। कभी
एक बार और कभी दो बार कहते हैं। इस से ईष्वरीय अधिकार दिखता हैं।
हम अपनी प्रार्थना में आमेन शब्द का प्रयोग
यीशु के द्वारा प्रार्थना में मांगी गई,
हर एक के लिए प्रार्थना यीशु में पूरी
हों।
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