क्रिसमस कि भावना
लूका 1: 41-55 क्रिसमस क्या है ?
और जकरयाह के घर में जाकर इलीशिबा को नमस्कार किया।
41 ज्योंही इलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई।
42 और उस ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है।
43 और यह अनुग्रह मुझे कहां से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
44 और देख ज्योंही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा त्योंही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
45 और धन्य है, वह जिस ने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उस से कही गईं, वे पूरी होंगी।
46 तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
47 और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।
48 क्योंकि उस ने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है, इसलिये देखो, अब से सब युग युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।
49 क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।
50 और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
आज हम सभी में एक बहुत बड़ी क्रिसमस की भावना है । कि हमारा पर्व आ गया |
हमें क्रिसमस की भावना की आवश्यकता क्यों है?
यदि आपने विश्लेषण नही किया है तो हमारे साथ अभी इस के बारे में सोचना शुरू करे
सकि क्रिसमस क्या है ?
क्रिसमस पार्टी, क्रिसमस के लिए पार्टी का दौर यह भी एक क्रिसमस कि भावना है जो हमें इक्कठा होने के लिए पेरित करता है|
छोटी पार्टी ,बड़ी पार्टी जो कल खत्म हुए ,याद गर है मै भी २० वर्षो से गडन पार्टी को हमेशा याद करता हु क्योकि हमें एक बड़ा गिफ्ट पैकेट मिलाता था,|यह हमे ख़ुशी देता है|
यही हाल कुछ आमेरिकियो का है,लगभग 95 %से भी ज्यादा लोग कार्ड भेज कर क्रिसमस पर अपनी भावना को व्यक्त करते है एक सर्वे के अनुसार 5 अरब से भी ज्यादा कार्ड भेजते है |
एक प्रकार कि आत्मा और भी है जो शराबकि बोतल पर आ जाती है उन्हें लगता है कि क्रिसमस सिर्फ बोतल में है| बोतल ही क्रिसमस है |
हर एक का अपना द्रष्टि कोण है जो हम अपनी द्रष्टि से सोचते है |
क्रिसमस की सच्ची भावना क्या है? What is true spirit of Christmas? इस प्रश्न का सबसे अच्छा जवाब बाइबिल से जाने के लिए मैं आपको बाइबिल में आपके के साथ देखना चाहता हूँ
ल्यूक अध्याय 1 और 2 अध्याय है और वहाँ से , हम यह जानेगे कि क्या क्रिसमस की सच्ची भावना है।
1 आप के लिए स्पष्ट रूप से में, मैं लोगों को और स्वर्गदूतों के बीच मसीह के जन्म के लिए कुछ पदों से स्पष्ट करुगा ।
2 एलिजाबेथ, लूका 1:41, ज्योंही इलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई। गर्भ और एलिजाबेथ पवित्र आत्मा से भर गया था और वह एक ज़ोर की आवाज़ के साथ प्रतिक्रिया बाहर हुए और कहा, 42 और उस ने बड़े शब्द पुकार कर कहा तू स्त्रियों में धन्य हैं और धन्य तेरे गर्भ का फल है। कैसे यह मेरे साथ हुआ है
कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई ? "कि इलीशिबा की प्रतिक्रिया थी और वह बता दिया इसकी वास्तविकता में क्रिसमस की भावना।
लेकिन इससे पहले कि हम कहते हैं कि ल्यूक 1. यहाँ हम में 63 यह एक और घटना कि चर्चा उस के पिता के साथ पद 63जब जकरयाह से पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है? और उस ने लिखने की पट्टी मंगाकर लिख दिया, कि उसका नाम यूहन्ना है और सभों ने अचम्भा किया।
64 तब उसका मुंह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा।
65 और उसके आस पास के सब रहने वालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
66 और सब सुनने वालों ने अपने अपने मन में विचार करके कहा, यह बालक कैसा होगा क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था॥
67 और उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्ववाणी करने लगा।
उसके पिता, जकारिया पवित्र आत्मा से भर गया था और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा। परमेश्वर यहोवा धन्य है
जकारिया प्रतिक्रिया थी
तब स्वर्गदूत भी यह नहीं छिपा सके कि ख़ुशी कि खबर हम स्वर्ग में ही रखे
2 लुका अध्याय 2 :13. यहाँ हम स्वर्गदूतों के दायरे में देखते 13, कि चरवाहों को अचानक स्वर्गदूतो का एक दल के साथ दिखाई दिया घोषणा, कि पद 2 :10
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। दूत की प्रतिक्रिया थी
जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें।
उन के अंदर यह भावना थी कि क्या हुआ है हम देखे पद 20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए लौट गए॥
3 शिमोन कि सच्ची भावना पद 2: 25, अद्वितीय व्यक्ति का सफर और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
26 और पवित्र आत्मा से उस को चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा। शिमोन आज मंदिर है,तो सिर्फ इसलिये मसीह के जन्म कि बाट देख रहा था
पवित्र आत्मा के द्वारा उसे पता चला कि वह मौत नहीं देखना होगा जब तक वह प्रभु के मसीह को देखा था। और वह मंदिर में यही भावना से आया कि यीशु को देखे
वचन कहता है पद लुका 2 :28 तो उस ने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद करके कहा,
29 हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है।
30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
मसीह का जन्म सब के लिया उद्धार मुक्ति का सन्देश सब देश के लोगो के लिए है कोए भी क्यों न हो चाहे इस्रायली यहूदी या अन्यजती सभी के लिए है
"एक अन्यजाति कि मसीह जन्म कि भावना को बताती है,
पद 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी।
37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर करके रात-दिन उपासना किया करती थी।
38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।
एक बड़ी औरत जो असेरा के गोत्र की बेटी की प्रतिक्रिया है,
सात साल उसकी शादी के बाद और फिर 84 साल की उम्र में एक विधवा के रूप में एक पति के साथ रहते थे।
वह कभी नहीं छोड़ा मंदिर उपवास और प्रार्थना के साथ रात-दिन कार्य किया। उसी क्षण वह परमेश्वर को धन्यवाद देना शुरू किया, उन सभी के लिए उसके बारे में बात करने के लिए जारी रखा है जो देख रहे थे वे बाते जो
एलिजाबेथ, जकारिया, स्वर्गदूत ,एलिजाबेथ, मरियम, अब शिमोन "पवित्र आत्मा उस पर था और यह किया गया था यरूशलेम के छुटकारे के लिए।
यह ऐसा संदेसा है जो छिपाने से छिपाने का नही है
मरियम एलिजाबेथ, जकारिया, स्वर्गदूतों, शिमोन, हान्ना, स्वर्गदूतों, चरवाहों मूल रूप से एक प्रतिक्रिया थी। और कहा कि एक प्रतिक्रिया क्रिसमस की भावना है और सही शब्द आराधना है। आराधना करते हैं। पहले क्रिसमस में उन सभी ने क्रिसमस की भावना की प्रशंसा और धन्यवाद किया गया एक शब्द में हम कहे परमेश्वर की महिमा, की है।
और मत्ती 2: 2, अभी तो हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण लोगों को बाहर छोड़ नहीं सकते है,
हमें उन पण्डितों को जो 2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं
एक ही मकसद था आराधना करना
हर कोई आराधना कर रहा था।
तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
उस ने बड़े शब्द पुकार कर कहा तू स्त्रियों में धन्य हैं और धन्य अपने गर्भ का फल है।
तब उसका मुंह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा।
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए लौट गए॥
हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है। क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
यही कारण है कि क्रिसमस की भावना है।
हालांकि हेरोदेस एक झूठ कहा था कि वह उचित समझ में किया था रवैया आराधना करने के लिए। यह तो क्रिसमस के सर्वोच्च रवैया है।
इस की भावना है
क्रिसमस और यह मासिहयो के लिए आराधना का सर्वोच्च समय के रूप में, हम अपने उद्धारकर्ता के जन्म का जश्न मनाने है।
हर समय की इस बार आराधना का समय है। यह आराधना का एक दृष्टिकोण है। एक भावना है। यह दिल का रवैया इसलिए आश्चर्य और से भर जाता है वह यह है कि
क्या परमेश्वर से किया गया है हमारी भावना यह है, दिल से, हम सभी के दिलो में आज मसीह का जन्म हो और हम उसकी स्तुति महिमा का धन्यवाद कर सके |
लूका 1: 41-55 क्रिसमस क्या है ?
और जकरयाह के घर में जाकर इलीशिबा को नमस्कार किया।
41 ज्योंही इलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई।
42 और उस ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है।
43 और यह अनुग्रह मुझे कहां से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
44 और देख ज्योंही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा त्योंही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
45 और धन्य है, वह जिस ने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उस से कही गईं, वे पूरी होंगी।
46 तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
47 और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।
48 क्योंकि उस ने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है, इसलिये देखो, अब से सब युग युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।
49 क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।
50 और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
आज हम सभी में एक बहुत बड़ी क्रिसमस की भावना है । कि हमारा पर्व आ गया |
हमें क्रिसमस की भावना की आवश्यकता क्यों है?
यदि आपने विश्लेषण नही किया है तो हमारे साथ अभी इस के बारे में सोचना शुरू करे
सकि क्रिसमस क्या है ?
क्रिसमस पार्टी, क्रिसमस के लिए पार्टी का दौर यह भी एक क्रिसमस कि भावना है जो हमें इक्कठा होने के लिए पेरित करता है|
छोटी पार्टी ,बड़ी पार्टी जो कल खत्म हुए ,याद गर है मै भी २० वर्षो से गडन पार्टी को हमेशा याद करता हु क्योकि हमें एक बड़ा गिफ्ट पैकेट मिलाता था,|यह हमे ख़ुशी देता है|
यही हाल कुछ आमेरिकियो का है,लगभग 95 %से भी ज्यादा लोग कार्ड भेज कर क्रिसमस पर अपनी भावना को व्यक्त करते है एक सर्वे के अनुसार 5 अरब से भी ज्यादा कार्ड भेजते है |
एक प्रकार कि आत्मा और भी है जो शराबकि बोतल पर आ जाती है उन्हें लगता है कि क्रिसमस सिर्फ बोतल में है| बोतल ही क्रिसमस है |
हर एक का अपना द्रष्टि कोण है जो हम अपनी द्रष्टि से सोचते है |
क्रिसमस की सच्ची भावना क्या है? What is true spirit of Christmas? इस प्रश्न का सबसे अच्छा जवाब बाइबिल से जाने के लिए मैं आपको बाइबिल में आपके के साथ देखना चाहता हूँ
ल्यूक अध्याय 1 और 2 अध्याय है और वहाँ से , हम यह जानेगे कि क्या क्रिसमस की सच्ची भावना है।
1 आप के लिए स्पष्ट रूप से में, मैं लोगों को और स्वर्गदूतों के बीच मसीह के जन्म के लिए कुछ पदों से स्पष्ट करुगा ।
2 एलिजाबेथ, लूका 1:41, ज्योंही इलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई। गर्भ और एलिजाबेथ पवित्र आत्मा से भर गया था और वह एक ज़ोर की आवाज़ के साथ प्रतिक्रिया बाहर हुए और कहा, 42 और उस ने बड़े शब्द पुकार कर कहा तू स्त्रियों में धन्य हैं और धन्य तेरे गर्भ का फल है। कैसे यह मेरे साथ हुआ है
कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई ? "कि इलीशिबा की प्रतिक्रिया थी और वह बता दिया इसकी वास्तविकता में क्रिसमस की भावना।
लेकिन इससे पहले कि हम कहते हैं कि ल्यूक 1. यहाँ हम में 63 यह एक और घटना कि चर्चा उस के पिता के साथ पद 63जब जकरयाह से पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है? और उस ने लिखने की पट्टी मंगाकर लिख दिया, कि उसका नाम यूहन्ना है और सभों ने अचम्भा किया।
64 तब उसका मुंह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा।
65 और उसके आस पास के सब रहने वालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
66 और सब सुनने वालों ने अपने अपने मन में विचार करके कहा, यह बालक कैसा होगा क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था॥
67 और उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्ववाणी करने लगा।
उसके पिता, जकारिया पवित्र आत्मा से भर गया था और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा। परमेश्वर यहोवा धन्य है
जकारिया प्रतिक्रिया थी
तब स्वर्गदूत भी यह नहीं छिपा सके कि ख़ुशी कि खबर हम स्वर्ग में ही रखे
2 लुका अध्याय 2 :13. यहाँ हम स्वर्गदूतों के दायरे में देखते 13, कि चरवाहों को अचानक स्वर्गदूतो का एक दल के साथ दिखाई दिया घोषणा, कि पद 2 :10
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। दूत की प्रतिक्रिया थी
जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें।
उन के अंदर यह भावना थी कि क्या हुआ है हम देखे पद 20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए लौट गए॥
3 शिमोन कि सच्ची भावना पद 2: 25, अद्वितीय व्यक्ति का सफर और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
26 और पवित्र आत्मा से उस को चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा। शिमोन आज मंदिर है,तो सिर्फ इसलिये मसीह के जन्म कि बाट देख रहा था
पवित्र आत्मा के द्वारा उसे पता चला कि वह मौत नहीं देखना होगा जब तक वह प्रभु के मसीह को देखा था। और वह मंदिर में यही भावना से आया कि यीशु को देखे
वचन कहता है पद लुका 2 :28 तो उस ने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद करके कहा,
29 हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है।
30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
मसीह का जन्म सब के लिया उद्धार मुक्ति का सन्देश सब देश के लोगो के लिए है कोए भी क्यों न हो चाहे इस्रायली यहूदी या अन्यजती सभी के लिए है
"एक अन्यजाति कि मसीह जन्म कि भावना को बताती है,
पद 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी।
37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर करके रात-दिन उपासना किया करती थी।
38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।
एक बड़ी औरत जो असेरा के गोत्र की बेटी की प्रतिक्रिया है,
सात साल उसकी शादी के बाद और फिर 84 साल की उम्र में एक विधवा के रूप में एक पति के साथ रहते थे।
वह कभी नहीं छोड़ा मंदिर उपवास और प्रार्थना के साथ रात-दिन कार्य किया। उसी क्षण वह परमेश्वर को धन्यवाद देना शुरू किया, उन सभी के लिए उसके बारे में बात करने के लिए जारी रखा है जो देख रहे थे वे बाते जो
एलिजाबेथ, जकारिया, स्वर्गदूत ,एलिजाबेथ, मरियम, अब शिमोन "पवित्र आत्मा उस पर था और यह किया गया था यरूशलेम के छुटकारे के लिए।
यह ऐसा संदेसा है जो छिपाने से छिपाने का नही है
मरियम एलिजाबेथ, जकारिया, स्वर्गदूतों, शिमोन, हान्ना, स्वर्गदूतों, चरवाहों मूल रूप से एक प्रतिक्रिया थी। और कहा कि एक प्रतिक्रिया क्रिसमस की भावना है और सही शब्द आराधना है। आराधना करते हैं। पहले क्रिसमस में उन सभी ने क्रिसमस की भावना की प्रशंसा और धन्यवाद किया गया एक शब्द में हम कहे परमेश्वर की महिमा, की है।
और मत्ती 2: 2, अभी तो हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण लोगों को बाहर छोड़ नहीं सकते है,
हमें उन पण्डितों को जो 2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं
एक ही मकसद था आराधना करना
हर कोई आराधना कर रहा था।
तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
उस ने बड़े शब्द पुकार कर कहा तू स्त्रियों में धन्य हैं और धन्य अपने गर्भ का फल है।
तब उसका मुंह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा।
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए लौट गए॥
हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है। क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
यही कारण है कि क्रिसमस की भावना है।
हालांकि हेरोदेस एक झूठ कहा था कि वह उचित समझ में किया था रवैया आराधना करने के लिए। यह तो क्रिसमस के सर्वोच्च रवैया है।
इस की भावना है
क्रिसमस और यह मासिहयो के लिए आराधना का सर्वोच्च समय के रूप में, हम अपने उद्धारकर्ता के जन्म का जश्न मनाने है।
हर समय की इस बार आराधना का समय है। यह आराधना का एक दृष्टिकोण है। एक भावना है। यह दिल का रवैया इसलिए आश्चर्य और से भर जाता है वह यह है कि
क्या परमेश्वर से किया गया है हमारी भावना यह है, दिल से, हम सभी के दिलो में आज मसीह का जन्म हो और हम उसकी स्तुति महिमा का धन्यवाद कर सके |